मुकंदरा हिल्स रिजर्व में पिछले 10 महीने से एमटी-1 बाघ और एमटी-2 बाघिन के साथ रहने के बाद भी शावकों को लेकर खुशखबरी नहीं आई है। अभी तक रिजर्व की ओर से इनके हैल्थ ईश्यू से जुड़े स्कैटेलॉजी से संबंधित हॉर्मानल टेस्ट नहीं करवाया गया है।
स्थानीय स्तर से लेकर इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली के लिए स्कैट्स सैंपल तक नहीं भिजवाए हैं। ऐसे में वन्यजीव प्रेमियों में भी कुनबा बढ़ने को लेकर संशय और सवाल उठाए जा रहे हैं। रिजर्व में लंबे समय बाद बाघों की निगरानी के लिए बायोलॉजिस्ट लगाया है जबकि पिछले साल 28 मार्च से एमटी-2 बाघिन एमटी-1 के साथ हैं।
एमटी-3 और एमटी-4 की ही स्थानीय स्तर पर करवाई जांच : जानकारी के अनुसार मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की ओर से 28 दिसंबर को क्षेत्रीय रोग निदान केंद्र की लैब में एमटी-3 बाघ और एमटी-4 बाघिन के स्कैट्स पैरासाइटिक जांच करवाई जा चुकी है, लेकिन, एमटी-1 और एमटी-2 के स्कैट्स की जांच नहीं हुई है। वन्यजीवों की प्रमाणिक प्रेग्नेंसी जांच के लिए प्रदेश में संस्थान नहीं है। इनकी जांच इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी आईवीआरआई बरेली में ही होती है।
स्कैट्स की जांच बहुत जरूरी
एक्सपर्ट का कहना है कि वन्यजीवों में प्रेग्नेंसी में स्कैट्स संबंधित जांच जरूरी है। इससे ही पता लगाया जा सकता है कि संबंधित एनिमल में किस तरह के हॉर्मोंस की कमी है। नॉर्मल है अथवा ज्यादा है अथवा अन्य कारण है। इसकी जांच इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली भिजवाने से ही हो सकती है।
नर के सीमन में शुक्राणुओं की कमी की जांच होती है
वन्यजीवों में प्रेग्नेंसी जांच में नर के सीमन में शुक्राणुओं की कमी की जांच होती है। मादा में संतुलित आहार की कमी होने के कारण प्रेग्नेंट के लिए जरूरी पोषक तत्वों की कमी का पता जांच के बाद चलता है। इसके अलावा मादा के इनर पार्ट में संक्रमण का भी जांच से पता चलता है। इसके अलावा नर अथवा मादा में हार्मोन्स का असंतुलन होने और प्रेग्नेंट नहीं होने के कारणों का भी जांच के बाद पता चलता है। - डा. लक्ष्मण राव, उपनिदेशक क्षेत्रीय रोग निदान केंद्र
एक्सपर्ट बताते हैं कि अधिकांश बाघिन का गर्भधारण 105 से 110 दिन होता है। इस अवधि के अंतिम 10 से 12 दिनों तक इनका पता नहीं चलता है। एमटी-3 बाघ और एमटी-4 बाघिन के स्कैट्स की जांच स्थानीय स्तर पर करवाई है। अभी एमटी-2 के स्कैट्स की जांच नहीं करवाई है। - डा. टी मोहनराज, डीसीएफ मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व
लंबे समय से एनक्लोजर में बाघ-बाघिन एक साथ हैं लेकिन, अभी तक इनके हैल्थ से लेकर प्रेग्नेंसी संबंधित जांच नहीं करवाई है। जबकि इनके कुनबा को लेकर कोटा को काफी उम्मीदें हैं। इन्हें नॉर्म्स के अनुसार इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली में जांच करवाना चाहिए। -तपेश्वरसिंह भाटी, मेंबर, लोकल एडवाइजरी कमेटी, मुकंदरा